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Showing posts from August, 2020
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स्टैमिना कैसे बढ़ाएं, अपने खाने में शामिल करें ये आहार - Food To Increase Stamina

थोड़ी दूर तक चलने में या सीढ़ियां चढ़ते वक्त थकान लगने लगे तो इन बातों को इग्नोर करना सही नहीं है क्योंकि ये समस्याएं अक्सर शरीर में स्टैमिना कम होने के कारण होती हैं। स्टैमिना और स्ट्रेंथ को काफी हद तक एक ही माना जा सकता है। अच्छी सेहत को स्टैमिना से ही जोड़कर देखा जाता है। अगर आपके अंदर स्टैमिना नहीं है तो जिम में पसीना बहाने, सुबह घंटों दौड़ने और मॉर्निंग वॉक करने का कोई मतलब नहीं है। लेकिन ऐसे में घबराने की जरूरत नहीं है। यहां हम आपको स्टैमिना क्या होता है (stamina kya hota hai) और स्टैमिना को बढ़ाने के बारे में हर वो छोटी- बड़ी बात बता रहे हैं (how to increase stamina in hindi), जिनकी मदद से आप खुद को फ्रेश और एनर्जेटिक महसूस कर सकते हैं।   स्टेमिना क्या है? - What Is Stamina In Hindi? स्टैमिना (stamina in hindi) अर्थात आंतरिक बल। साधारण शब्दों में कहा जाये तो स्टैमिना का मतलब होता है व्यक्ति द्वारा किसी भी कार्य को मानसिक या शारीरिक रूप से लंबे समय तक जारी रखना। वैसे आमतौर पर स्टैमिना शब्द को शारीरिक कार्य जैसे खेल, व्यायाम, पैदल चलना, दैनिक दिनचर्या में मेहनत वाले कामों के प्रयो

बवासीर से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो ये नुस्खे अपनाएं ! DR. JACKBON HUMAN HEALTHCARE INDIA

  बवासीर किन कारणों से होता हैं ? मलाशय या मलद्वार की नसों पर, अंदरूनी और बाहरी दवाब बढ़ने की वजह से, वहाँ की नसें सूज कर फैल कर दर्द करती हैं, तो इस अवस्था को बवासीर कहते हैं । बवासीर दो प्रकार का होता हैं पहला अंदरूनी दूसरा बाहरी । जब तक अंदरूनी बवासीर काफी गंभीर नहीं होता तब तक उसके बारे में पता नहीं लगता । बाहरी बवासीर को मलद्वार के बाहरी हिस्से पर देखा जा सकता हैं । हालांकि यह काफी असहज और शर्मनाक होता हैं, उसके बावजूद भी इसे गंभीर समस्या नहीं माना जाता हैं ।  बवासीर होने के सामान्य कारण कम रेशेदार भोजन कम (फाइबर वाला) आहार खाने से गर्भावस्था के दौरान बढ़ती उम्र से वंशानुगत पुराना कब्ज मलद्वार में सम्भोग करने से । बवासीर से छुटकारा पाने के कुछ घरेलू उपाय काला जीरा - बवासीर के दर्द में काले जीरे का बीज काफी लाभकारी होता हैं । एक चम्मच काले जीरे को भून लें और एक चम्मच बिना भूना काला जीरा मिलाकर दोनों को साथ पीस लेंवें । रोज़ाना एक गिलास पानी में, आधा चम्मच इस मिश्रण को मिलाकर उसका सेवन करने से, काफी लाभ मिलता हैं । मूली का रस - मूली का रस पाचनक्रिया में काफी सहाय