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DR. JACKBON HUMAN HEALTHCARE INDIA (AYURVEDA DIVISION)
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47 - 74 HUMAN Sex Positions You ENJOYED & Satisfied

Looking for the best sex positions? You have happily come to the right place. We’ve rounded up all kinds of fun sex positions, from feel-good classics and favorites from the Kama Sutra, to inventive new ideas you haven't tried before. Some moves on this list are sure to surprise you—and yes, venture into kinky sex territory. But we guarantee that none of these positions are so out-there that pitching them to your partner will be awkward. Win-win.  Keep reading for 47 sex positions that will have even the most voracious readers of sex tips taking notes. 1. The Bouncy Chair First, tell your partner to get down on their knees (this is fun already!). Have them kneel with their butt on their heels and the balls of their feet on the ground. Straddle their lap, facing them with your feet flat on the floor on either side of their legs. Once you’re in position (and their penis or strap-on is inside you), bounce on the balls of your feet to control the rhythm and penetration. Th...

Likoria Problem In Womens,, Likoria leukorrhea Easy Ayurvedic Treatment,, Likoria Problem In Womens लिकोरिया का आयुर्वेदिक इलाज,,, लिकोरिया के 25 घरेलु इलाज

  लिकोरिया के 25 घरेलु इलाज महिलायों की योनी से सफ़ेद या पीले रंग का बदबूदार पानी आता है जिसे लिकोरिया कहा जाता है | हालाँकि सामान्यत महिलाओं की योनी से पानी निकलता है जिससे हानिकारक बैक्टीरिया शरीर से बाहर निकल जाता है लेकिन जब इस पानी का रंग सफ़ेद या पीला हो जाए और इसमें से बदबू आने लगे तो समझ ले आपको सफ़ेद पानी की समस्या है | लिकोरिया को अंग्रेजी भाषा में “leucorrhea” कहा जाता है इसके अलावा इस समस्या को श्वेत प्रदर भी कहते हैं | सफ़ेद पानी या लिकोरिया होने पर सिर दर्द, थकान, पेट में दर्द, कब्ज की समस्या , आँखों के नीचे काले घेरे, खुजली की समस्या हो सकती है | लिकोरिया/सफ़ेद पानी की समस्या दो तरह की होती है | Physiological leucorrhea Pathological leucorrhea सफ़ेद पानी की समस्या के कारण ( Causes of Likoria / Leucorrhea ) : योनी के आस पास कटने छिलने की वजह से सही जीवन शेली नहीं अपनाने की वजह से शरीर को पूरी मात्रा में पोष्टिक आहार नहीं मिलने की वजह से जंक फ़ूड के अधिक सेवन करने से कब्ज की वजह से अधिक तनाव की वजह से शरीर की सही साफ़ सफाई नहीं रखने की वजह से हार्मोन असंतुलन की वजह स...

DR. JACKBON HUMAN HEALTHCARE INDIA ( AYURVEDA DIVISION )... DR. JACKBON. KICKREX. KUNTEE. FACE MANTRI. NEEK. NEEK & MEEK.& MORE.

WELCOME TO Dr. JACKBON HUMAN HEALTHCARE DR. JACKBON HUMAN HEALTHCARE INDIA  ( AYURVEDA DIVISION ) DR. JACKBON HUMAN HEALTHCARE INDIA'S FASTEST GROWING AYURVEDA AND HERBAL PRODUCT MANUFACTURING , TRADING , WHOLE-SELLING AND IMPORTER & EXPORTER FROM INDIA. WE ARE INTO HERBAL AYURVEDA MEDICINE, PERSONAL CARE PR ODUCT, WELLNES-CARE PRODUCT , COSMETICS CARE PRODUCT AND ALSO FMCG PRODUCTS. OUR LEADING AND REGISTERED BRAND NAME:- DR. JACKBON.           Add caption KICKREX. KUNTEE. FACE MANTRI. NEEK. NEEK & MEEK.& MORE. Catch the DR. JACKBON AMAZING PRODUCT FROM PREMIUM CHEMIST / AYURVEDIC OUTLET & BUY FROM ONLINE PLATFORM ALSO. 1) DR. JACKBON - KUNTEE KABZ CARE - Luxotive granulase with ishabgol hunk- कब्ज़, गैस एवं एसिडिटी में सहायक - Mrp - 130 - 100 GM 2) DR. JACKBON - SUGAR CONTROL- 2.0 CAPSUL -- Mrp - 398 - 60 CAPSULE 3) DR. JACKBON - ORTHO & JOINTCARE-3X CAPSUL -- Mrp...

स्टैमिना कैसे बढ़ाएं, अपने खाने में शामिल करें ये आहार - Food To Increase Stamina

थोड़ी दूर तक चलने में या सीढ़ियां चढ़ते वक्त थकान लगने लगे तो इन बातों को इग्नोर करना सही नहीं है क्योंकि ये समस्याएं अक्सर शरीर में स्टैमिना कम होने के कारण होती हैं। स्टैमिना और स्ट्रेंथ को काफी हद तक एक ही माना जा सकता है। अच्छी सेहत को स्टैमिना से ही जोड़कर देखा जाता है। अगर आपके अंदर स्टैमिना नहीं है तो जिम में पसीना बहाने, सुबह घंटों दौड़ने और मॉर्निंग वॉक करने का कोई मतलब नहीं है। लेकिन ऐसे में घबराने की जरूरत नहीं है। यहां हम आपको स्टैमिना क्या होता है (stamina kya hota hai) और स्टैमिना को बढ़ाने के बारे में हर वो छोटी- बड़ी बात बता रहे हैं (how to increase stamina in hindi), जिनकी मदद से आप खुद को फ्रेश और एनर्जेटिक महसूस कर सकते हैं।   स्टेमिना क्या है? - What Is Stamina In Hindi? स्टैमिना (stamina in hindi) अर्थात आंतरिक बल। साधारण शब्दों में कहा जाये तो स्टैमिना का मतलब होता है व्यक्ति द्वारा किसी भी कार्य को मानसिक या शारीरिक रूप से लंबे समय तक जारी रखना। वैसे आमतौर पर स्टैमिना शब्द को शारीरिक कार्य जैसे खेल, व्यायाम, पैदल चलना, दैनिक दिनचर्या में मेहनत वाले कामों...

बवासीर से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो ये नुस्खे अपनाएं ! DR. JACKBON HUMAN HEALTHCARE INDIA

  बवासीर किन कारणों से होता हैं ? मलाशय या मलद्वार की नसों पर, अंदरूनी और बाहरी दवाब बढ़ने की वजह से, वहाँ की नसें सूज कर फैल कर दर्द करती हैं, तो इस अवस्था को बवासीर कहते हैं । बवासीर दो प्रकार का होता हैं पहला अंदरूनी दूसरा बाहरी । जब तक अंदरूनी बवासीर काफी गंभीर नहीं होता तब तक उसके बारे में पता नहीं लगता । बाहरी बवासीर को मलद्वार के बाहरी हिस्से पर देखा जा सकता हैं । हालांकि यह काफी असहज और शर्मनाक होता हैं, उसके बावजूद भी इसे गंभीर समस्या नहीं माना जाता हैं ।  बवासीर होने के सामान्य कारण कम रेशेदार भोजन कम (फाइबर वाला) आहार खाने से गर्भावस्था के दौरान बढ़ती उम्र से वंशानुगत पुराना कब्ज मलद्वार में सम्भोग करने से । बवासीर से छुटकारा पाने के कुछ घरेलू उपाय काला जीरा - बवासीर के दर्द में काले जीरे का बीज काफी लाभकारी होता हैं । एक चम्मच काले जीरे को भून लें और एक चम्मच बिना भूना काला जीरा मिलाकर दोनों को साथ पीस लेंवें । रोज़ाना एक गिलास पानी में, आधा चम्मच इस मिश्रण को मिलाकर उसका सेवन करने से, काफी लाभ मिलता हैं । मूली का रस - मूली का रस पाचनक्रिया में ...

गठिया एक ऐसी बीमारी है जिसमें मरीज को असहनीय दर्द होता है। गठिया का दर्द इतना ज्यादा परेशान करता है कि व्यक्ति कोई भी काम करने में असमर्थ हो जाता है। गठिया का रोग होने पर शरीर की हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। शरीर की हड्डियां कमजोर होने पर जोड़ों में दर्द, हाथ-पैर में सूजन और उठने-बैठने में तकलीफ का सामना करना पड़ता है। पैरों में लगातार दर्द के कारण आर्थराइटिस की भी समस्या हो सकती है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि गठिया के दर्द को हल्के में न लिया जाए और इसके लिए पूरी एहतियात बरती जाए। गठिया के दर्द से छुटकारा पाने के लिए अपनाएं ये घरेलू तरीके- रोजमेरी ज्यादातर आयुर्वेदिक दवाइयों में रोजमेरी का प्रयोग किया जाता है। रोजमेरी की मदद से आप गठिया के दर्द से छुटकारा पा सकते हैं। यह गठिया के इलाज के लिए कारगर है। Also Read - तंबाकू खाने से हो सकता है कोरोना वायरस, स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी चेतावनी - घर पर ही इसके इस्तेमाल के लिए एक कप पानी में थोड़ रोजमेरी के पत्ते डालें और इसे 10 मिनट के लिए छोड़ दें। फिर इस पानी का सेवन चाय की तरह कर लें। दिनभर में 1-2 बार ऐसा करने से गठिया के दर्द से राहत मिलेगी। बथुआ बथुआ एक तरह का साग होता है, जिसकी सब्जी बनाकर खाई जाती है। इसके ताजे पत्तों की मदद से भी आप गठिया के दर्द से छुटकारा पा सकते हैं। इसके लिए रोजाना आपको लगभग 15 ग्राम बथुआ के पत्‍तों का रस का सेवन करना पड़ेगा। खाली पेट इस रस को पीने से गठिया के दर्द से हमेशा के लिए राहत पाई जा सकती है। एलोवेरा एलोवेरा के इस्तेमाल से भी गठिया का दर्द दूर किया जा सकता है। इसके लिए एलोविरा के पत्‍तों को काट लें और उसका जेल दर्द वाली जगह पर लगाने से दर्द ठी हो जाता है। Also Read - बहुत कुछ कर चुके हैं ट्राई फिर भी नहीं हुआ है पेट कम तो अपनाएं आयुर्वेद के ये शानदार उपाय, टमी होगा अंदर Loading... आलू खाना खाने से आलू के रस का सेवन करने से गठिया के दर्द में आराम मिलता है। रोजाना 100 मिली रस का सेवन करने से जल्दी लाभ मिलता है। ....... गठिया के घरेलू उपाय: बस खाएं ये चार चीजें, जड़ से खत्म होगा गठिया का दर्द

गठिया एक ऐसी बीमारी है जिसमें मरीज को असहनीय दर्द होता है। गठिया का दर्द इतना ज्यादा परेशान करता है कि व्यक्ति कोई भी काम करने में असमर्थ हो जाता है। गठिया का रोग होने पर शरीर की हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। शरीर की हड्डियां कमजोर होने पर जोड़ों में दर्द, हाथ-पैर में सूजन और उठने-बैठने में तकलीफ का सामना करना पड़ता है। पैरों में लगातार दर्द के कारण आर्थराइटिस की भी समस्या हो सकती है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि गठिया के दर्द को हल्के में न लिया जाए और इसके लिए पूरी एहतियात बरती जाए। गठिया के दर्द से छुटकारा पाने के लिए अपनाएं ये घरेलू तरीके- रोजमेरी ज्यादातर आयुर्वेदिक दवाइयों में रोजमेरी का प्रयोग किया जाता है। रोजमेरी की मदद से आप गठिया के दर्द से छुटकारा पा सकते हैं। यह गठिया के इलाज के लिए कारगर है। Also Read - तंबाकू खाने से हो सकता है कोरोना वायरस, स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी चेतावनी - घर पर ही इसके इस्तेमाल के लिए एक कप पानी में थोड़ रोजमेरी के पत्ते डालें और इसे 10 मिनट के लिए छोड़ दें। फिर इस पानी का सेवन चाय की तरह कर लें। दिनभर में 1-2 बार ऐसा करने से गठिया के दर्द से राहत मिलेगी। ...

गठिया: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज DR JACKBON HUMAN HEALTHCARE INDIA गठिया: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

परहेज और आहार लेने योग्य आहार चेरीस में अन्थोसायनीडीन्स होते हैं जो यूरिक एसिड को घटाने में सहायक हैं. प्रतिदिन एक कप चेरीस, ताज़ी या डिब्बाबंद, खानी चाहिए. स्ट्रॉबरीस और ब्लूबेरीज भी लाभकारी होती हैं. सेब का सिरका, नीबू का रस, हल्दी, अदरक, केले, अन्नानास, बेरीज, अजमोदा, अंकुरित अल्फाल्फा और अजमोदा बीज ये सभी पोषक तत्व, एंजाइमस और अन्य गठिया-रोधी तत्व प्रदान करते हैं. पोटैशियम की अधिक मात्रा वाले आहार, जैसे कि डेरी उत्पाद, खरबूज, केले या संतरे का रस. प्युरीन युक्त सब्जियां (पालक, फूलगोभी, मशरूम्स, फलियाँ) कम मात्रा में खाएं डेरी उत्पाद, विशेषकर कम-फेट वाले प्रोडक्ट्स(लो-फेट दही और मलाई निकला दूध), वास्तव में गठिया से बचाव कर सकते हैं. काम्प्लेक्स कार्बोहायड्रेट्स से बने आहार, जैसेकि साबुत अनाज, ब्राउन राइस, ओट्स(जई) और बीन्स(फलियाँ) लिए जा सकते हैं ना लेने योग्य आहार पशु अंगों का मीट(लीवर, किडनी, स्वीटब्रेड), रेड मीट(बीफ, पोर्क, लेम्ब) और मीट के अर्क(सूप, शोरबा, ग्रेवी) सीफ़ूड, और यीस्ट(खमीर) वाले उत्पाद(बियर और बेक्ड वस्तुएं) शराब और कैफीन युक्त उत्पादों से बचें शक्कर और इससे बने उत्पाद...

मैं भारत हूं: क्या है सबसे प्राचीन चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद का इतिहास ? Ayurveda: A Brief History of an Ancient Healing Science

Ayurveda is considered the “mother of all healing sciences.” It is the profound, vast, ancient wisdom that teaches us how to live lives of balance. Ayurveda has been around since the dawn of human existence on Earth. As we celebrate our 20th Anniversary, let’s take a brief look at the history of this ancient science. Since it is so ancient, dates are estimates only:   3000 BCE (Before Common Era): The Beginning In the Indus Valley (in Northwestern India, including portions of Pakistan), an advanced culture flourishes. It is from this region that the Vedas emerges. It is from the Vedas that the wisdom of Ayurveda is born.    Pre-1500 BCE: The Vedic Age The Vedic Age refers to the time of the writing of the Vedas and the later related texts including the Upanishads and the Brahmanas. The Vedas are the oldest writings in the world. The word “Vedas” means knowledge in Sanskrit, the original language of the Vedas. Contained within these writings are the ro...

संभोग की अवधि को बढ़ाने के लिए Ayurvedic Medicine For Sexually Long Time

शरीर की अन्य समस्याओं की तरह यौन समस्याएं भी आम हैं। उन्हें छिपाने के बजाय, समाधान ढूंढना चाहिए। उचित सलाह और उपचार के अभाव में, एक व्यक्ति भी हीन भावना और अवसाद से ग्रस्त हो जाता है। सेक्स् पॉवर बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा की आवश्यकता आज लगभग सभी पुरुषों की जरूरत है, क्योंकि यह एक ज्ञात तथ्यक है कि पुरुष आसानी से उत्साहित हो जाते हैं और वे लगभग हर समय सेक्स के लिए तैयार होते हैं। यौन समस्याओं के बारे में कैसे बात करें, यौन समस्याओं के निदान के तरीके और उनसे संबंधित सभी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए आयुर्वेद में उपलब्ध हैं, जो इन सभी यौन समस्याओं का स्थायी इलाज हो सकता है। Ayurvedic health care ने पुरुषो के लिए Ayurvedic sex power medicine Dr. JACKBON HUMAN HEALTHCARE का इज़ात करके सभी यौन समस्याओ को दूर करने का एक समाधान निकाला है आजकल, जहां लोग अपने व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में बहुत व्यस्त हैं, उनके पास यौन स्वास्थ्य पर बात करने का समय नहीं है। यही कारण है कि पुरुषों के लिए सेक्स दवा Dr. JACKBON HUMAN HEALTHCARE आज के लोगों के बीच संतुलन बनाए रखने की जरूरत बन गई है।...

आयुर्वेद क्या है? WHAT IS AN AYURVEDA.? Ayurveda: A Brief Introduction

आयुर्वेद : Ayurved आयुर्वेद हमारे ऋषि मुनियों द्वारा दिया गया अनमोल उपहार है जिसकी उपयोगिता का वर्णन शब्दों द्वारा नहीं किया जा सकता. आयुर्वेद का इतिहास हजारों वर्ष पुराना है और आज भी यह सर्वश्रेष्ठ है. विदेशी वैज्ञानिक आयुर्वेद के सिद्धांतों का अध्ययन करके आश्चर्यचकित हो जाते है. आयुर्वेद क्या है? - What is Ayurved आयुर्वेद शब्द दो शब्दों आयुष्+वेद से मिलकर बना है जिसका अर्थ है "जीवन विज्ञान' - "Science of Life"'. आयुर्वेद (Ayurved) केवल रोगों की चिकित्सा तक ही सिमित नहीं है अपितु यह जीवन मूल्यों, स्वास्थ्य एंव जीवन जीने का सम्पूर्ण ज्ञान प्रदान करता है. आयुर्वेद का इतिहास - History of Ayurved पुरातत्ववेत्ताओं के अनुसार संसार की प्राचीनतम पुस्तक ऋग्वेद है. विभिन्न विद्वानों ने इसका निर्माण काल ईसा के 3 हजार से 50 हजार वर्ष पूर्व तक का माना है. इस संहिता में भी आयुर्वेद के अति महत्त्वपूर्ण सिद्धान्तों का वर्णन है. अनेक ऐसे विषयों का उल्लेख है जिसके संबंध में आज के वैज्ञानिक भी सफल नहीं हो पाये है. इससे आयुर्वेद की प्राचीनता सिद्ध होती है....